नई दिल्ली: बीते कई दिनों से हड़ताल पर चल रहे पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हजारों सफाई कर्मचारी आज दिल्ली के सीएम व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी सफाई कर्मचारीयों की मांग है कि जो सफाई कर्मचारी अनियमित हैं उनकी नौकरी पक्की की जाए। वहीं इन सफाई कर्मचारियों की ये भी मांग है कि उन्हें उनकी तंख्वाह (सैलरी) समय से नियमित रूप से दी जाए, जो किसी महीने सही समय से मिलती है और किसी महीने सही वक़्त पर नहीं मिलती है। इसके साथ ही एरियर भी दिया जाए।
Delhi: East Delhi Municipal Corporation workers hold a protest near Kashmere Gate demanding regularisation of temporary workers and regular payments of salaries among others. East MCD sanitation workers have been on a strike since September 12. pic.twitter.com/d7rnbDfCNp
— ANI (@ANI) October 4, 2018
बता दें कि बीते 12 सितंबर से पूर्वी दिल्ली नगर निगम के ये सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। यही वजह है कि पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जगह-जगह पर कूड़े का ढेर लगा हुआ हैं। गौरतलब हैं कि केजरीवाल सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह दो दिनों के भीतर नगर निगम को 500 करोड़ रुपये देगी। पीठ ने इस मामले पर कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण कूड़ों का अंबार लग गया है। इसे लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल का पक्ष अलग-अलग है।
दरअसल न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा से पूछा था कि इस समस्या से निपटने के लिए क्या दिल्ली सरकार 500 करोड़ रुपये की राशि जारी कर सकती है। उन्हें सरकार से इस संबंध में निर्देश लाने के लिए कहा गया था। दोपहर बाद उन्होंने पीठ को बताया कि सरकार निगम को 500 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है।
इस पर पीठ ने कहा कि इस रकम में से किसे कितना दिया जाना है, यह दिल्ली सरकार तय करेगी। इसके बाद पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर से पूछा है कि इस स्थिति से निपटने के लिए क्या केंद्र सरकार इतनी ही राशि नगर निगमों के लिए रिलीज कर सकती है?